बहादराबाद। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में कल होने वाले छात्र कल्याण परिषद चुनाव से पहले विवाद गहराने लगा है। एबीवीपी की ओर से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ने विवि शिकायत समिति को पत्र लिखकर निर्दलीय प्रत्याशी प्रगति शर्मा के नामांकन को चुनौती दी थी। आरोप लगाया गया कि उनका नामांकन नियमों के विपरीत है, इसलिए निरस्त किया जाना चाहिए।
शिकायत समिति ने चार घंटे तक चली बैठक के बाद प्रगति शर्मा के नामांकन को वैध ठहराया। इसके बाद एबीवीपी छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया और धरने पर बैठ गए। एबीवीपी का कहना है कि लिंगड़ोह समिति की गाइडलाइन के अनुसार डिप्लोमा छात्र चुनाव नहीं लड़ सकते, जबकि प्रगति शर्मा डिप्लोमा की छात्रा हैं। साथ ही, उनके प्रस्तावक आशु मालिक की भी उपस्थिति नियमों के अनुरूप 15 दिन पूरी नहीं है। इसके बावजूद नामांकन स्वीकार किया गया है।
एबीवीपी छात्रों ने इस निर्णय को धांधली बताते हुए विवि गेट के सामने नारेबाजी शुरू कर दी है। समाचार लिखे जाने तक छात्र धरने पर डटे हुए थे। अब देखना होगा कि चुनाव से एक दिन पहले विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले पर क्या निर्णय लेता है।